Incubation Session

उच्च शिक्षा की प्राप्ति के दौरान अकादमिक योग्यता के साथ ही आजीविका अथवा रोजगार सृजन के लिए स्टार्टअप एक सफल प्रयास सिद्ध हुआ है। इन्क्यूबेशन सेंटर एक स्टार्टअप (नए विचार से एक नया रोजगार शुरू करने वाले उद्यमी) को उनकी शैशवास्था में पोषित एवं विकसित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र होता है। इनक्यूबेशन सेंटर के माध्यम से विद्यार्थी के नवोन्मेषी (इनोवेटिव) विचार वाले उद्यम को स्टार्टअप के रूप में प्रारंभ करने के लिए मेंटर्स ( विशेषज्ञ व मार्गदर्शक ) , व्यवसायिक संभावना ( बाजार की मांग ) , तकनीकी उत्पाद/ एप का विकास, वित्तीय सहायता ( प्रारंभिक विकास निधि), निवेश , बौद्धिक सुझाव, नेटवर्किंग संचार तथा पंजीकरण की सुविधा प्रदान की जाती है । अंततः विद्यार्थी के उत्पाद/ एप को बाजार में प्रतियोगिता हेतु सक्षम बनाकर एग्जिट कराने तक की सुविधा दी जाती है।

उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक 1567/17/सीसी/22/38, दिनांक 23/02/2023 के तहत शासकीय विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।

महाविद्यालय के इनक्यूबेशन केंद्र की स्थापना के निम्नलिखित उद्देश्य है :
१) विद्यार्थियों के नए विचारों की खोज और उनके चयन हेतु गतिविधियों का आयोजन करना ।
२) स्थानीय स्तर पर इनोवेशन के विशिष्ट क्षेत्रो की पहचान कर विद्यार्थियों के नए विचारों को प्रोत्साहन देना
३) स्टार्टअप को विकसित करने हेतु विद्यार्थियों को प्रयोगशालाओं , उद्यमों, विशेषज्ञों से जोड़ना, सूक्ष्म मध्य एवं लघु उद्योग विभाग के अंतर्गत स्टेट स्टार्टअप सेंटर तथा अन्य संबंधित विभागों , विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय से कार्य करना।
४) पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार में पेटेंट हेतु आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराना
५) नवोन्मेषी विचारों के विकास हेतु शोध का अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने, नवाचार को प्रयोगशाला, उपकरण, अपेक्षित संस्थानों में भ्रमण पर भेजने एवं पूंजी उपलब्ध कराने , केंद्र एवं राज्य शासन की संबंधित योजनाओं और कार्यक्रमों से विद्यार्थी के स्टार्टअप को लाभ पहुंचाने , इनोवेशन को स्टार्टअप के रूप में पंजीकृत कराने , पेटेंट कराने और व्यावसायिक उपयोग शुरू होने तक समस्त आवश्यक कार्यवाही एवं गतिविधियों का संचालन /मार्गदर्शन करना ।